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फ़रवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

महादेव की पूजा कब श्रेष्ठ है।

महादेव श्रृष्टि का सृजन और प्रलय सायंकाल-प्रदोषबेला में ही करते हैं, इसलिए इनकी पूजा आराधना का फल प्रदोष काल में ही श्रेष्ठ माना गया है। त्रयोदशी तिथि का अंत और चतुर्दशी तिथि के आरंभ का संधिकाल ही इनकी परम अवधि है। किसी भी ग्रह, तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण आदि तथा सुबह-शाम के संधिकाल को प्रदोषकाल कहा जाता है। इसलिए चतुर्दशी तिथि के स्वामी स्वयं भगवान शिव ही है।वैसे तो शिवरात्रि हर माह के कृष्ण पक्ष कि चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, किन्तु फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। 

Maha Shivaratri 2019| महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि Monday, 4 March  2019 Also called ਮਹਾਂ ਸ਼ਿਵਰਾਤਰੀ (Punjabi), ମହା ଶିବରାତ୍ରି (Odia), মহা শিবরাত্রি (Bengali), महा शिवरात्रि (Nepali), महा शिवरात्रि (Sanskrit), महा शिवरात्रि (Marathi), மகா சிவராத்திரி (Tamil), മഹാ ശിവരാത്രി (Malayalam), ಮಹಾಶಿವರಾತ್ರಿ (Kannada), మహా శివరాత్రి (Telugu), મહા શિવરાત્રી (Gujarati) महाशिवरात्रि (बोलचाल में शिवरात्रि) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग ( जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है ) के उदय से हुआ। अधिक तर लोग यह मान्यता रखते है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवि पार्वति के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि की सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।  कश्मीर शैव मत में इस त्यौहार को हर-रात्रि और बोलचाल में 'हेराथ' या 'हेरथ' भी जाता है। [  विकिपीडिया ] अनुष्ठान गेंदे के फूलों की अनेक प्र...

मनोकामना के अनुसार शिव पूजन

औढर दानी, सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता भगवान शिव विवाह में समस्या आ रही हैं तो आप महाशिवरात्रि पर गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करने  से शीघ्र विवाह का संयोग बनता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कर्ज  से मुक्ति व  पारवारिक सौहार्द में वृद्धि :  शहद से अभिषेक से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन से कर्ज का मर्ज भी दूर हो जाता है और परिजनों के बीच सामंजस्य बना रहता है। वाहन सुख : दही से अभिषेक करने पर जीवन से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही साधक को वाहन सुख की प्राप्ति होती है।  आरोग्य  और संतान :कच्चे दूध से शिव का अभिषेक करने से आरोग्य की प्राप्ति होती हैं और संतान का सुख मिलता है।  दु:खों से मुक्ति : जीवन से जुड़े तमाम तरह के दु:खों को दूर करने के लिए महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का किसी पवित्र नदी के जल से "ॐ नम: शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करें। धन और लंबी आयु : धन में वृद्धि और लंबी आयु पाने के महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का गाय के घी से अभिषेक करें। इस पूजन से भगवान शिव प्रसन्न ...

शिवरात्रि

प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी शिवरात्रि कहलाती है, लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी महाशिवरात्रि कही गई है। इस दिन शिवोपासना भुक्ति एवं मुक्ति दोनों देने वाली मानी गई है, क्योंकि इसी दिन अर्धरात्रि के समय भगवान शिव लिंगरूप में प्रकट हुए थे। माघकृष्ण चतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि।  शिवलिंगतयोद्रूत: कोटिसूर्यसमप्रभ॥ भगवान शिव अर्धरात्रि में शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे, इसलिए शिवरात्रि व्रत में अर्धरात्रि में रहने वाली चतुर्दशी ग्रहण करनी चाहिए। कुछ विद्वान प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी विद्धा चतुर्दशी शिवरात्रि व्रत में ग्रहण करते हैं। नारद संहिता में आया है कि जिस तिथि को अर्धरात्रि में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी हो, उस दिन शिवरात्रि करने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। जिस दिन प्रदोष व अर्धरात्रि में चतुर्दशी हो, वह अति पुण्यदायिनी कही गई है। इस बार 6 मार्च को शिवरात्रि प्रदोष व अर्धरात्रि दोनों में विद्यमान रहेगी। ईशान संहिता के अनुसार इस दिन ज्योतिर्लिग का प्रादुर्भाव हुआ, जिससे शक्तिस्वरूपा पार्वती ने मानवी सृष्टि का मार्ग प्रशस्त किया। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को ही महाशिवरात्रि...

Sarswati Pooja

माता सरस्वती का मंत्र या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥2॥ माता सरस्वती का बीज मंत्र ॐ ऐं ऐं ऐं महासरस्वत्यै नम: का जाप करें। सूर्य देवता का मंत्र ॐ घृणि सूर्याय नम: भगवान विष्णु का मंत्र ॐ पालनहाराय विष्णुवे विद्यारूपाय नम:।