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महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र

   अयि गिरिनन्दिनि का अर्थ है पर्वत की पुत्रि | आदिशक्ति माँ दुर्गा को अयि गिरिनन्दिनि कहा जाता है|  हिमालयराज की कन्या | माँ दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर राक्षस का वध किया था |  पुराणों में उल्लेखित के अनुसार केवल मानव ही नहीं देवता भी असुरों के अत्याचार से परेशान हो गए थे। तब सभी देवगण ब्रह्माजी के पास गए और उनसे सामाधान मांगा। तब ब्रह्मा जी ने बताया कि दैत्यराज का वध एक कुंवारी कन्या के हाथ ही हो सकता है।इसके बाद सभी देवताओं ने मिलकर अपने तेज को एक जगह समाहित किया और इस शक्ति से देवी का जन्म हुआ। देवी के शरीर का अंग प्रत्येक देव की शक्ति के अंश से उत्पन हुआ था।देवी का जन्म तो हो गया, लेकिन महिषासुर के अंत के लिए देवी को अभी भी अपार शक्ति की जरूरत थी। तब भगवान शिव ने उनको अपना त्रिशूल, भगवान विष्णु ने चक्र, हनुमान जी ने गदा, श्रीराम ने धनुष, अग्नि ने शक्ति व बाणों से भरे तरकश, वरुण ने दिव्य शंख, प्रजापति ने स्फटिक मणियों की माला, लक्ष्मीजी ने कमल का फूल, इंद्र ने वज्र, शेषनाग ने मणियों से सुशोभित नाग, वरुण देव ने पाश व तीर, ब्...

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  2017 -Shiv Mahima Strota 2020 Or Before -Antyakarm Shraddhprakash 2020 Or Before -Vishnu Sahasra Nama ADARSH BHAKT - HINDI - GITA PRESS Adarsh Charit Mala Issue No. 4 Mahatma Vidur By Shantanu Vihari Dvivedi Gita Press Gorakhpur Agni Puran Gita Press Gorakhpur Aitareya Upanishad Gita Press Gorakhpur Aitareya Upanishad Gita Press Gorakhpur Amrit Vachan An Easy Spiritual Discipline.v 2 Annapurna Sahasranam With Annapurna Kavach By Mahant Vishvanath Puri Gita Press Gorakhpur Antya Karma Shraddha Prakash Gita Press Gorakhpur Antya Karma Shraddha Prakash Gita Press Gorakhpur Atma Kalyan Ke Vividha Upay By Jay Dayal Goyandaka Gita Press, Gorakhpur Bal Prashnottari Gita Press Gorakhpur Bhagavad Gita (missing Pages) Gita Press Gorakhpur Bhagavad ...