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Ram Mantra

 1. श्रीरामचन्द्राय नम:। 2. रामाय नम:। 3. ह्रीं राम ह्रीं राम। 4. क्लीं राम क्लीं राम। 5. फट् राम फट्। 6. श्रीं राम श्रीं राम। 7. ॐ राम ॐ राम ॐ राम। 8. श्रीराम शरणं मम्। 9. ॐ रामाय हुं फट् स्वाहा। 10. 'श्रीराम, जयराम, जय-जय राम'।

Hanuman Ji ki Pooja and Chadhaava

     कामना चढ़ाएं Tippari 1. जिनके कष्टों का अंत ना हो रहा हो बजरंगबली को तेल - सिंदूर का चोला अवश्य चढ़ाएं। हनुमानजी की उपासना व चोला चढ़ाने से शुभ ऊर्जा - शक्ति मिलती है। 2. दरिद्रता दूर करने के लिए प्रति मंगलवार चना - चिरौंजी चढ़ाएं।  Sara prasad mandir main hi baant de 3. सौभाग्य , पुत्र कामना के लिए सिंदूर एवं चमेली का तेल   4. कष्ट दूर करने के लिए   गुड़ और मूंग चढ़ाएं।   5. सुखों की वृद्धि के लिए हनुमानजी को ॐ हनुमते नमः की माला जपें।   6. पराक्रम वृद्धि के लिए हनुमानजी की गदा में सिंदूर व गाय का घी लगाकर लगाएं।   7. अपने परिवार की उन्नति के लिए चमेली के पुष्प ...

बजरंगबली के अचूक व प्रभावी मंत्र

 आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर | त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात || बार-बार परेशानी व कार्यों में रुकावट हो तो हनुमानजी के मंदिर में जाकर गुड एवं चने का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। उस प्रसाद को वहीं मंदिर में ही बांट देना चाहिए। ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।। अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम् दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् | सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि || Hanuman ji Dhyan Ka Mantra ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः Om Aim Hreem Hanumate, Shri Ram Dootaaya Namah यश-कीर्ति के लिए हनुमान मंत्र ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा। शत्रु पराजय के लिए- ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा। 3. शत्रु पर विजय तथा वशीकरण के लिए- ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाह...

मनसादेवी स्तोत्रम्

मनसादेवी स्तोत्रम्  ।। अथ ध्यानः ।। चारु-चम्पक-वर्णाभां, सर्वांग-सु-मनोहराम् ।नागेन्द्र-वाहिनीं देवीं, सर्व-विद्या-विशारदाम् ।। ।। मूल-स्तोत्र ।। श्रीनारायण उवाच ।नमः सिद्धि-स्वरुपायै, वरदायै नमो नमः ।नमः कश्यप-कन्यायै, शंकरायै नमो नमः ।। बालानां रक्षण-कर्त्र्यै, नाग-देव्यै नमो नमः ।नमः आस्तीक-मात्रे ते, जरत्-कार्व्यै नमो नमः ।। तपस्विन्यै च योगिन्यै, नाग-स्वस्रे नमो नमः ।साध्व्यै तपस्या-रुपायै, शम्भु-शिष्ये च ते नमः ।। ।। फल-श्रुति ।। इति ते कथितं लक्ष्मि ! मनसाया स्तवं महत् ।यः पठति नित्यमिदं, श्रावयेद् वापि भक्तितः ।। न तस्य सर्प-भीतिर्वै, विषोऽप्यमृतं भवति ।वंशजानां नाग-भयं, नास्ति श्रवण-मात्रतः ।। ।।अथ द्वितीय मनसादेवी स्तोत्रम् ।। देवी त्वां स्तोतुमिच्छामि सा विनां प्रवरा परम् ।‎परात्परां च परमां नहि स्तोतुं क्षयोsधुना ।। १ ।। स्तोत्राणां लक्षणं वेदे स्वभावाव्यानत: परम् ।‎न क्षम: प्रकृति वक्तुं गुणानां तब सुव्रते ।। २ ।। शुद्रसत्वस्वरुपा त्वम् कोपहिंसाविवर्जिता ।‎न च सप्तो मुनिस्तेन त्यक्तया च त्वया यत: ।। ३ ।। त्वं मया पूजिता साध्वी जननी च यथाsदिति: ।‎दयारुपा च भगिनी क्षमारु...

वैष्णो देवी चालीसा

  वैष्णो देवी चालीसा ॥ दोहा॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी, त्रिकुटा पर्वत धाम । काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ।। ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी, कलि काल मे शुभ कल्याणी। मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी, पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है, रत्नाकर घर जन्म लियो है। करी तपस्या राम को पाऊं, त्रेता की शक्ति कहलाऊं॥ कहा राम मणि पर्वत जाओ, कलियुग की देवी कहलाओ। विष्णु रूप से कल्कि बनकर, लूंगा शक्ति रूप बदलकर॥ तब तक त्रिकुटा घाटी जाओ, गुफा अंधेरी जाकर पाओ। काली-लक्ष्मी-सरस्वती मां, करेंगी पोषण पार्वती मां॥ ब्रह्मा, विष्णु, शंकर द्वारे, हनुमत, भैरों प्रहरी प्यारे। रिद्धि, सिद्धि चंवर डुलावें, कलियुग-वासी पूजत आवें॥ पान सुपारी ध्वजा नारीयल, चरणामृत चरणों का निर्मल। दिया फलित वर मॉ मुस्काई, करन तपस्या पर्वत आई॥ कलि कालकी भड़की ज्वाला, इक दिन अपना रूप निकाला। कन्या बन नगरोटा आई, योगी भैरों दिया दिखाई॥ रूप देख सुंदर ललचाया, पीछे-पीछे भागा आया। कन्याओं के साथ मिली मॉ, कौल-कंदौली तभी चली मॉ॥ देवा माई दर्शन दीना, पवन रूप हो गई प्रवीणा। नवरात्रों में लीला रचाई, भक्त श्रीधर के घर ...